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हम कौन हैं

हम कौन हैं

देश का सबसे बड़ा विज्ञान केन्द्र, विज्ञान नगरी, कोलकाता, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् की एक इकाई है, जो कि संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है। प्रशासकीय मंत्रालय द्वारा प्रदत्त एककालिक पूंजी अनुदान के साथ द्वारा इसका विकास किया गया। विज्ञान नगरी की शुरुआत 01 जुलाई, 1997 को हुई। तब इस में दो सुविधाएँ थीं – विज्ञान केन्द्र और (सभा केन्द्र)। विज्ञान केन्द्र परिसर में अंतरिक्ष ओडिसी, डायनामोशन, विज्ञान अन्वेषन हॉल, समुद्री केंद्र (मैरिटाइम सेंटर), भू-अन्वेषण हॉल और विस्तृत पार्क शामिल हैं। अपनी स्थापना के समय से अब
तक लगभग 29.90 मिलियन दर्शकों ने इसका परिभ्रमण किया और कोलकाता के स्थानीय निवासियों के साथ-साथ इस शहर में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षण का
केन्द्र है। कोलकाता में आने वाला कोई भी व्यक्ति इस प्रतिष्ठित संस्थान से अनजान नहीं रह सकता जहाँ देश भर में मौजूद दूसरे विज्ञान संग्रहालयों के विपरीत शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन का भी सम्मिश्रण है। जिस भूमि पर कभी सौ वर्षों से अधिक समय तक पूरे शहर का कूड़ा डाला जाता था, उसी भूमि पर स्वागत करती हुई विज्ञान वाटिका एवं पर्यावरण के अनुकूल परिदृश्य से युक्त विज्ञान
नगरी के बनने से उस जगह की काया पूर्णतः पलट गई ।

सभा केन्द्र परिसर विज्ञान नगरी, कोलकाता का एक अद्वितीय घटक है जिसमे 2,232 व्यक्तियों की बैठक-क्षमता वाला एक मुख्य प्रेक्षागृह, 392 व्यक्तियों की बैठक क्षमता वाला एक लघु प्रेक्षागृह
और 15 से लेकर 100 बैठक-क्षमता वाले 11 कक्ष, एक आवृत (270 वर्ग॰मीटर) व एक अनावृत (20000 वर्ग॰मीटर) प्रदर्शनी स्थल से युक्त एक संगोष्ठी कक्ष परिसर है। सभी प्रेक्षागृह व संगोष्ठी कक्ष पूर्णतया वातानुकूलित हैं। विज्ञान नगरी का सभा केन्द्र कोलकाता नगर का एक प्रमुख स्थान है जहाँ सभाएँ, सम्मेलन, वार्षिक सामान्य बैठकों, व्यापार संबंधि प्रदर्शनियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होते हैं।

विज्ञान नगरी सरकारी क्षेत्र के लिए वित्तीय आत्मनिर्भरता का एक अदभूत उदाहरण है एंव अपनी राजस्व-प्राप्ति से यह अपने प्रचालन व अनुरक्षण संबंधी व्ययों को जुटा लेता है।

विज्ञान नगरी के कार्यकारिणी समिति के सदस्य